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Showing posts from February, 2023

याद

जख्म दिल में थे, आंखों से बह गए, कुछ अरमान मेरे अधूरे ही रह गए। साथ रहेंगे सदा वो इतना कह गए, पर नसीब के महल पहले ही ढह गए, और यादों के सहारे हम अकेले ही रह गए। अब जब याद ही साथ रह गए हैं तो उन्हे समेट कर रख लेता हूं। अब जब नसीब ही हार गए है, तो उन्हे बदल कर चख लेता हूं। अब जब साथ ही छूट गए हैं, तो उन्हे भूल कर देख लेता हूं। अब जब अरमान ही अधूरे रह गए हैं, तो उन्हे पलट के देख लेता हूं। अब जब दिल के जख्म दिख गए हैं, तो उनके लहू से लिख लेता हूं। -मनीष कुमार टिंकू